31 वीं अहले सुन्नत कान्फ्रेंस और शबे बरात 25 फरवरी को देश के प्रमुख इस्लामिक विद्वान संबोधित करेंगे
38 विधार्थियों की होगी दस्तार, - प्रदेश के हजारों लोग होंगे शरीक
हर साल सामाजिक बुराईयो को दूर करने में कामयाब होती है अहले सुन्नत कान्फ्रेंस
इस साल सोशल मीडिया पर ज़ोर - सोशल मीडिया का कैसे करें इस्तेमाल
इंदौर –जामिया गौसिया गरीब नवाज (खजराना, इंदौर) द्वारा शबे बरात के पवित्र अवसर पर अहले सुन्नत कान्फ्रेंस का आयोजन 25 फरवरी को गफूर खाँ की बजरिया में होने जा रहा है। इस विशाल धार्मिक समागम में देश के विख्यात एंव जाने माने विद्वान शरीक होंगे और देश में शिक्षा को आम करने, अमनो शांति और आपसी भाई चारे को बढ़ावा देने के संबंध में अपने विचार व्यक्त करेंगे।
जामिया गौसिया गरीब नवाज के प्रवक्ता मौलाना अमीन अहमद कादरी, मौलाना मोहम्मद आरिफ बरकाती, मौलाना मोहम्मद सलमान अज़हरी ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि इस मौके पर 38 बच्चों को आ़लिम, फाजि़ल, हाफिज और क़ारी का सर्टिफिकेट देकर व पगडी बांधकर सम्मानित किया जायेगा ।
कान्फ्रेंस की शुरुआत रात इशा की नमाज के बाद कुरआने पाक की तिलावत से की जायेगी व नअ़ते पाक और मन्क़बत पेश की जायेगी। कान्फ्रेंस में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं को मजहबी नज़रिये से बेहतर जि़न्दगी गुजारने और अच्छा शहरी बनने की राह दिखाने के लिए राष्ट्रीय स्तर के कई विद्वान कान्फ्रेंस को संबोधित करेंगे।
कान्फ्रेंस में विभिन्न प्रदेशों के विद्वान शरीक होंगे जिनमें मुफ्ती अशरफ रजा सा. (गुजरात), डॉक्टर रूहुल अमीन सा. (जबलपुर एम.पी), मुफ्ती वाजिद अली सा. (मालेगाँव, महाराष्ट्र), क़ारी ख़ल्कुल्लाह सा. फैजी (यू.पी.), मुफ्ती अब्दुल कय्यूम सा. (यू.पी.) कान्फ्रेंस के मुख्य अतिथि होंगे।
मुफ्ती अशरफ रजा सा. सोशल मीडिया के मुतअल्लिक बात करेंगे, कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल किस तरह और किस मकसद से किया जाना चाहिये और इसका इस्तेमाल फायदेमंद है या नुकसान देह, और इस दौर में बच्चों को मोबाइल वगैरह से दूर रखना कितना जरुरी है।
डॉक्टर रूहुल अमीन सा. बयान करेंगे कि दीनी तालीम के साथ साथ दुनियावी तालीम कितनी जरुरी है और सिर्फ मर्दों ही नहीं बल्कि औरतों के लिए भी इस्लाम ने तालीम को जरुरी करार दिया है।
क़ारी ख़ल्कुल्लाह सा. लोगों को इस्लामी दृष्टिकोण से जिंदगी बिताने के तरीकों के सुझाव देंगे ताकि जिंदगी में शांति और संतोष रहे और लोग डिप्रेशन का शिकार होने से बचें और आत्महत्या जैसी घटनाएं समाज में पैदा ना हो।
मुफ्ती वाजिद अली साहब शबे बरात की फज़ीलत व अहमियत पर रौशनी डालेंगे और बतायेंगे कि इस मुबारक रात को हुल्लड़ और बदमाशी से बचते हुए अल्लाह की इबादत और बंदगी में गुज़ारी जाये।
मुफ्ती अब्दुल कय्यूम साहब स्वच्छता के टॉपिक पर बात करेंगे और बतायेंगे कि तहारत (साफ सफाई) ईमान का हिस्सा है लिहाज़ा हर इन्सान को हमेशा अपने आस पास साफ सफाई का ख़याल रखना चाहिये।
यह कान्फ्रेंस अपनी कामयाबी के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है जो 30 सालों से लगातार हो रही है। जामिया ग़ोसिया ग़रीब नवाज़ एक इस्लामिक स्कूल है जो खजराना में स्थापित है यहाँ बच्चों को फ्री शिक्षा दी जाती है ।
जामिया का संचालन समाज में दान दाताओं के सहयोग से होता है। जामिया ग़ौसिया ग़रीब नवाज़ समाजहित में वक़्त वक़्त पर ऐसे प्रोग्राम आयोजित करता है जिससे समाज में सुधार हो सके।
शबे बरात को मुसलमान बड़े त्योहार के रुप में मनाते हैं मुसलमानों का अकीदा (मानना) है कि इस रात में अल्लाह तआला तौबा करने वालों की तौबा कुबूल फरमाता है और रिज़्क मांगने वालों के रिज़्क में बरकत अता फरमाता है मौलाना अमीन अहमद क़ादरी साहब ने बताया कि पैगंबरे इस्लाम सल्लल्लाहु तआ़ला अ़लैहि वसल्लम इस रात क़ब्रस्तान तशरीफ ले जाते और मरहूमीन के लिये दुआए मग़फिरत (बख़्शिश) फरमाते ।
31 वीं अहले सुन्नत कान्फ्रेंस की अध्यक्षता मौलाना अनवार अह़मद क़ादरी और संचालन मौलाना मोहम्मद आ़रिफ सा. बरकाती करेंगे।
कान्फ्रेंस को सुनने के लिये सभी धर्मों के लोगों से आहवान किया गया है। कान्फ्रेंस का समापन स़लातो सलाम और मुल्क की तरक़्क़ी और अमन व शांती की दुआ़ के साथ होगा।
प्रवक्ता मौलाना अमीन अह़मद क़ादरी