कन्फेक्शनरी किंग संजय जेसवानी के खिलाफ डीजीपी से मिले पीड़ित NRI: जीआरवी बिस्किट हड़पने का आरोप, घर में लूट कराने और धमकाने का भी आरोप
इंदौर: बंधक बनाकर सीए से मारपीट करने के आरोपी कन्फेक्शनरी किंग संजय जेसवानी के खिलाफ एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्री मप्र (एआईएमपी) के पदाधिकारियों के साथ जीआरवी बिस्किट प्रा.लि. के संचालक गौरव अहलावत ने धोखाधड़ी की शिकायत की थी जब शिकायत पर इंदौर पुलिस ने FIR दर्ज नहीं की तो NRI ने मध्य प्रदेश के डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना से भोपाल जाकर मुलाक़ात की और पूरे मामले से डीजीपी को अवगत कराया जिसके बाद इस मामले में ठंडे बस्ते में पड़ी जाँच दोबारा तेज़ हो गई है डीजीपी से मुलाक़ात के बाद फ़रियादी को डीसीपी अभिनव विश्वकर्मा ने बुलाकर पूरे मामले को समझा है और इस मामले में बंधक बनाने और अपहरण के कुछ और सीसीटीवी भी पुलिस को सोपे गये है
आरोप है कि जेसवानी और उनके अन्य साथियों NRI गौरव अलावत की कंपनी हड़प ली। उन्हें अपनी ही कंपनी में प्रवेश करने से रोक दिया गया। यहां तक की गुंडे भेजकर घर से सीसीटीवी डीवीअार, लेपटॉप और दो मोबाइल की लूट की गई जिसमें पूरा हिसाब किताब था। इस मामले में एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष योगेश मेहता के नेतृत्व में एआईएमपी का प्रतिनिधिमंडल लसूड़िया थाने पहुंचा था जहां लिखित शिकायत दी गई। अहलावत ने बताया मैं 1991 से मॉस्को (रशिया) में रहता हूं। 2012 से संजय जेसवानी के साथ कारोबारी रिश्ते रहे हैं। मैंने उन्हीं के कहनेे पर 167-168 सिद्दार्थ कम्पाउंड लसूड़िया मोरी में जीआरवी कन्फेक्शनरी एंड फुड्स प्रा.लि. स्थापित की थी। मैंने 10.75 करोड़ निवेश किए थे। 2015 तक कंपनी चली। इस दौरान हिसाब-किताब नहीं देते थे। इसीलिए मैंने अपना हिस्सा-मुनाफा मांग लिया। कहा कंपनी तुम्ही रख लो। निवेश के 90 प्रतिशत पैसा मुझे मिल गया। मुनाफा और 1.75 करोड़ बकाया रह गए।
कन्फेक्शनरी का अनुभव हो चुका था। इसीलिए मैंने "हेपनिंग हरियाणा' समिट में भाग लिया। सोनीपत में जीआरवी बिस्किट प्रा.लि. नाम से कंपनी खोली। दिसंबर 2016 में उत्पादन शुरू हुआ। चूंकि संजय मेरे बकायादार थे इसीलिए बात होती रहती थी और वह कारोबार में मेरी मदद भी करते थे। इसीलिए हिसाब पर बात नहीं हुई। फिर संजय सोनीपत आया। बोला यहां मुनाफा कम, नुकसान ज्यादा है। इंदौर आओ। सोनीपत में जून 2018 तक कंपनी चली। फिर (सांवेर रोड औद्योगिक सेक्टर "ई') पर कारखाना स्थापित किया। सितंबर 2018 में उत्पादन शुरू हुआ। जून 2019 में एक मीटिंग हुई। जेसवानी ने भागीदारी मांगी। बोले तुम मॉस्को राहो। कारखाना हम संभाल लेंगे। कोई लिखित बातचीत नहीं थी। 2020-2021 में कोविड रहा। इस दौरान कुछ मशीनें और आई। अप्रैल 2022 में हिसाब मांगा। जवाब मिला आईपीओ ला रहा हूं। तुम्हारी कंपनी की हिस्सेदारी मेरे समूह में 25 प्रतिशत है। झूठे वादों का दौर चलता रहा। दिसंबर 2023 में मैंने हाथ जोड़ लिए। बोला मैं चला लूंगा मेरी कंपनी। जनवरी ने कहा संजय ने कहा हम अलग हो जाते हैं। फिर कल-परसो होता रहा। पीछे से शेयरहोल्डिंग के जरिए इन्होंने मुझे ही बाहर कर दिया। अगस्त के पहले सप्ताह में भांजे नितिन जीवनानी को डायरेक्टर बना दिया। एमसीए से डायरेक्टरशीप को लेकर जानकारी मांगी है। जो जल्द मिलेगी। इतना पता चला है कि 30 सितंबर 2023 को दिल्ली में हुई कंपनी की बोर्ड मीटिंग का हवाला दिया गया है। जबकि मैं उस दिन भारत में था ही नहीं।
9 सितंबर को कंचन जीवनानी "जिस पर 240 करोड़ की हेराफेरी का आरोप लगाया', मेरे पास आई। उसने ओटीपी मांगा। मैंने पूछा तो जवाब मिला मामा कोई पेमेंट से जुड़ा काम कर रहे हैं, जो आज ही होना जरूरी है। मैंने ओटीपी दे दिया। 8 लाख और 50 हजार के दो पेमेंट हुए। मैंने इन लोगों से, फिर बैंक से संपर्क किया। जानकारी नहीं मिली।
मुझे मेरी कंपनी से बाहर निकाल दिया
11 सितंबर की सुबह मैं अपनी कंपनी गया। जहां मुझे नीरज नाम के व्यक्ति और अन्य लोगों ने प्रवेश नहीं करने दिया। मैं घर आ गया। संजय को फोन लगाया, उसने उठाया नहीं। शाम को फोन आया। धमकाना शुरू कर दिया। कहा कि अब जीआरवी मेरी हो गई। तुझसे जो बनता है, कर ले। होशियारी करेगा तो 200 टूकड़े करवाकर फिकवा दूंगा।
11 सितंबर की रात 9:19 बजे मेरे घर कुछ लोग घुसे। चार लोग मेरे कमरे में आए। कुछ नीचे बैठे। उन्होंने मुझसे दो फोन और एक लेपटॉप छीना। डीवीआर निकाली। धक्का-मुक्की की। भाग गए। इसके साक्ष्य हमने पड़ौसियों के सीसीटीवी कैमरे से निकाले।
मैं सदमें में चला गया.
एआईएमपी ने मदद की
12 सितंबर को सूचना मिलते ही मम्मी इंदौर आई। शाम को संजय ने मिलने बुलाया। हमें सबह 4 बजे तक बैठाए रखा। पूरी रात धमकाते रहा। चूपचाप मास्को जाने को कहा। सुबह हम घर पहुंचे। सोए। दोपहर में नींद खुली। मैं होटल चला गया। वहां आराम किया। 14 सितंबर को मम्मी के माध्यम से मोबाइल-सिम मिली। मैंने एआईएमपी के पदाधिकारियों से संपर्क किया। जिन्होंने मेरे साथ जाकर रविवार को लसूडिया थाने पर शिकायत की। लेकिन अब तक FIR दर्ज नहीं हुई है फ़रियादी NRI का कहना है मध्य प्रदेश के डीजीपी से मुलाक़ात के बाद लग रहा है मुझे न्याय मिलेगा