इंदौर एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की फिर मिली धमकी, सुरक्षा बढ़ी, लेकिन सरकार अब तक नाकाम

इंदौर( मनोज कुमार) : इंदौर के देवी अहिल्या बाई होलकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को फिर से एक धमकी भरा ईमेल मिलने के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इस संबंध में एरोड्रम थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 351/4 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच चल रही है। फिलहाल, एयरपोर्ट और उसके आसपास की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर दिया गया है।
इंदौर एयरपोर्ट को पिछले दस महीनों में यह पांचवीं बार बम से उड़ाने की धमकी मिली है। हाल ही में 18 और 20 जून को भी ऐसे ही धमकी भरे ईमेल आए थे। इससे पहले मई, अप्रैल और सितंबर के महीनों में भी धमकियां मिली थीं। यात्रियों में लगातार बढ़ रही इन धमकियों के चलते दहशत का माहौल है। यह सिर्फ इंदौर तक सीमित नहीं है भोपाल और देश के 50 से भी अधिक हवाई अड्डों को भी बम से उड़ाने की धमकियां मिल चुकी हैं। 4 अक्टूबर को इंदौर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को एक ईमेल प्राप्त हुआ, जिसमें साफ तौर पर धमकी दी गई कि जो भी उनका विरोध करेगा, उसे कुचल दिया जाएगा। ईमेल में बम विस्फोट जैसी घटनाओं का जिक्र था, जिसमें लिखा था, याद रखना, हम दुनिया के सबसे ताकतवर देशों से अकेले टक्कर लेते हैं। सब जगह होगा, बूम... बूम... बूम। इससे बचने का कोई रास्ता नहीं है।
सरकार की नाकामी और सुरक्षा तंत्र पर सवाल
इन धमकियों से यात्रियों और एयरपोर्ट कर्मियों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा होता है। पिछले दस महीनों में इतनी बार धमकी मिलने के बावजूद आरोपी का पता नहीं लग पाना सरकार की नाकामी को दर्शाता है। यह स्थिति दर्शाती है कि हमारे देश की साइबर सुरक्षा और इंटेलिजेंस एजेंसियां इन धमकियों को रोकने में कितनी अक्षम साबित हो रही हैं। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को इस तरह की धमकियों को गंभीरता से लेकर ठोस कदम उठाने की जरूरत है। बार-बार मिल रही धमकियों से यह भी स्पष्ट होता है कि हमारी जांच एजेंसियों और साइबर अपराधियों के बीच तालमेल की कमी है, जिससे अब तक आरोपी की पहचान भी नहीं हो सकी है।
हर बार धमकी मिलने के बाद सुरक्षा कड़ी करना तो एक उपाय हो सकता है, लेकिन असली सवाल यह है कि क्या हमारे देश का सुरक्षा तंत्र इन खतरों से निपटने के लिए पर्याप्त रूप से सक्षम है? बार-बार मिल रही धमकियों से न सिर्फ यात्री बल्कि आम जनता भी भयभीत है। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि सिर्फ सुरक्षा बढ़ाने से बात नहीं बनेगी, बल्कि इन घटनाओं की तह तक जाकर आरोपी को पकड़ने के प्रयासों को तेज किया जाए। आखिर कब तक हम सिर्फ सुरक्षा बढ़ाते रहेंगे और आरोपी खुलेआम धमकियां भेजते रहेंगे?