दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का 86 वर्ष की उम्र में निधन, राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार

मुंबई (मनोज कुमार): टाटा संस के मानद चेयरमैन और भारतीय उद्योग जगत के प्रमुख चेहरों में से एक, रतन टाटा का बुधवार शाम मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। टाटा पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और सोमवार से गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में भर्ती थे। उन्होंने बुधवार रात 11.30 बजे अंतिम सांस ली।
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को मुंबई में हुआ था। वे टाटा समूह के अध्यक्ष रहे और उनके कार्यकाल में टाटा समूह ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं, जिनमें टाटा मोटर्स की नैनो कार और टाटा स्टील का कोरस समूह का अधिग्रहण शामिल हैं। सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें टाटा संस का मानद चेयरमैन नियुक्त किया गया।
रतन टाटा ने 1962 में न्यूयॉर्क के कॉर्नेल विश्वविद्यालय से वास्तुकला में स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद वे पारिवारिक व्यवसाय में शामिल हुए और एक दशक बाद टाटा इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष बने। 1991 में उन्होंने अपने चाचा जे.आर.डी. टाटा से टाटा समूह के अध्यक्ष का पद संभाला, जो कि एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
रतन टाटा का योगदान न केवल व्यापार जगत में बल्कि सामाजिक और मानवीय कार्यों में भी रहा है। वह शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छता और पशु कल्याण जैसे मुद्दों को बढ़ावा देने में अग्रणी रहे। रतन टाटा के निधन के बाद महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में एक दिन का शोक घोषित किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि रतन टाटा का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। इस दौरान सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा, और आज कोई सांस्कृतिक या मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा।
रतन टाटा का पार्थिव शरीर गुरुवार को सुबह 10.30 बजे से मुंबई के एनसीपीए लॉन में रखा जाएगा, ताकि आम लोग उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दे सकें। अंतिम यात्रा शाम 4 बजे वर्ली श्मशान घाट की ओर प्रस्थान करेगी। गृह मंत्री अमित शाह और अन्य गणमान्य व्यक्ति अंतिम संस्कार में शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें दूरदर्शी कारोबारी नेता और असाधारण इंसान बताया। उन्होंने कहा, रतन टाटा की सबसे बड़ी विशेषता थी कि उन्होंने बड़े सपने देखे और समाज को भी बहुत कुछ दिया। उनके निधन से गहरा दुख हुआ है। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं।
रतन टाटा के असाधारण योगदान और समाज के प्रति उनके समर्पण को हमेशा याद रखा जाएगा।
"मैं सही फैसले लेने में विश्वास नही करता, मैं फैसले लेता हूं और फिर उन्हें सही साबित करता हूं"
(रतन नवल टाटा)