पर्याप्त सबूत होने बाद भी कर्रावाही ना होने पर अमरण अनशन पर बैठे NRI
NRI गौरव अहलावत लंबे समय से स्वच्छ शहर इंदौर में तमाम सबूत के आधार पर न्याय मांग रहे हैं। पुलिस कमिश्नर कार्यालय में जनसुनवाई में खुद के साथ हुई धोखाधड़ी के सबूत लेकर शिकायत करने के बाद गौरव राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा तले रीगल तिराहा पर आरोपियों पर कार्रवाही ना होने तक अमरण अनशन पर बैठ गए।
न्याय की देवी अहिल्या माता की नगरी इंदौर में एक एनआरआई लंबे समय से न्याय के लिए भटक रहा है और शिकायत भी कर रहा है। दरअसल इंदौर के सावेर रोड स्थित JRV बिस्कुट कंपनी में उनके साथ कन्फन्सनारी कारोबारी संजय जेसवानी के द्वारा करोडो रूपए की धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है जिसे लेकर एनआरआई गौरव अहलावत द्वारा कंपनी से जुड़े हुए तमाम मजदूर के साथ आज पुलिस कमिश्नर कार्यालय जनसुनवाई में पहुंचे इसके बाद वह शहर के रीगल तिराहा स्थित गांधी प्रतिमा के तले न्याय की मांग करते हुए धरने पर बैठ गए उन्होंने बताया कि वह पिछले 72 दिनों से उनके साथ हुई धोखाधड़ी को लेकर संघर्ष कर रहे हैं तमाम विभागों में शिकायत कर चुके हैं। जिसमे आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत होने के बाद भी FIR तक नही हो पर रही है।
यहां तक की प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित तमाम संबंधित विभागों में वह सबूत भेज चुके हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पीड़ित का कहना है कि इस मामले में उन्हें और कंपनी के मजदूरों को धमकियां मिल रही है। गौरव अहलावत की मांग है कि उन्हें न्याय दिया जाए और आरोपित को सख्त सजा दी जाए। आपको बता दें कि बिस्कुट फैक्ट्री के इस मामले में एक मंत्री समर्थक बिजनेसमैन के खिलाफ अहलावत कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
गौरव अहलावत ने बताया की
वे मंगल वार कोई होने वाली जनसुनवाई में सबूत लेकर पहुचे थे,
जिसमे ग़लत स्टाम्प ख़रीदी के रजिश्टर के फोटो उन्होंने पुलिस को सोप दिए है, जबकि उनके निजी परिवार में पुलिस यह सबूत न्यायलय में सोप नहीं पाई थी, एनआरई गौरव अहलावत ने आरोप लगाया कि- 14 जून 2022 को 8 करोड़ 20 लाख रुपए की राशि लोन के नाम पर GRV बिस्किट कंपनी में ट्रांसफर की गई, जिसका एग्रीमेंट 9 अगस्त 2024 को फर्जी तरीके से स्टांप पर दर्शाया गया। 2 जनवरी 2021 को 3 करोड़ 75 लाख रुपए की लोन राशि भेजी गई, जिसका एग्रीमेंट 20 जुलाई 2022 को स्टांप पर दर्शाया गया। 30 फरवरी 2021 को 3 करोड़ रुपए का एग्रीमेंट किया गया, जो कि 28 अगस्त 2024 को स्टांप पर दर्ज किया गया। 6 दिसंबर 2022 को 5 करोड़ 25 लाख रुपए का लोन दिखाया गया, जिसका एग्रीमेंट 8 फरवरी 2023 को स्टांप पर तैयार किया गया। गौरव के अनुसार, इन सभी एग्रीमेंट्स में पहले रकम ट्रांसफर की गई और बाद में फर्जी तरीके से स्टांप पर दस्तावेज बनाए गए। उनका आरोप है कि यह राशि लोन के नाम पर दिखाकर बाद में केमको कन्फेक्शनरी में ट्रांसफर कर दी गई, ताकि GRV बिस्किट कंपनी को घाटे में दिखाया जा सके।