हिंदू एकता और सनातन धर्म काराग अलापने वाले जवाब दें की इंदौर सहित प्रदेश में कितने मंदिरों में अनुसूचित जाति एंव अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के मुख्य पुजारी क्यों नहीं हैं

इंदौर, सनातन धर्म और संस्कृति के साथ हिंदू धर्म के ठेकेदार बनने वाले तथाकथित लोग यह जवाब दें की प्रदेश एंव इंदौर में कितने मुख्य पुजारी और कथा वाचक अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति एंव ओबीसी वर्ग से हैं। सनातन धर्म और संस्कृति के नाम पर हिंदूओं के ठेकेदार बनाने वाले जवाब न दे सकें तो हिंदू और सनातन धर्म के नाम राजनैतिक रोटियाँ सेंकना बंद करें।
म.प्र.कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव राकेश सिंह यादव ने सनातन धर्म और संस्कृति के नाम पर हिंदूओं को ठगने वाले धर्म के ठेकेदारों पर कटाक्ष करते हुए सवाल किया हैं की क्या इंदौर में खजराना गणेश मंदिर,बिजासन माता मंदिर,बड़ा गणपति मंदिर,अन्नपूर्णा मंदिर,गीता भवन मंदिर रणजीत हनुमान मंदिर,शनि मंदिर में मुख्य पुजारी अनुसूचित जाति के व्यक्ति को बनाकर हिंदुओं को एक करने का अलख जागाएँगें या सिर्फ़ एससी,एसटी और ओबीसी वर्ग सिर्फ़ भगवान के दर्शन करने और दक्षिणा देने के लिए ही समाज में जन्म लेते हैं। क्या मंदिर का प्रमुख पुजारी इस वर्ग से बनाने का साहस हिंदूओं की एकता का ढोंग करने वालों में हैं। काल भैरव मंदिर वाराणसी, लिंगराज मंदिर भुवनेश्वर, जागेश्वर धाम अल्मोड़ा, बैजनाथ मंदिर बागेश्वर उत्तराखंड में शुद्रों को प्रवेश क्यों नहीं मिलता। हिंदू एकता का ढोंग करने वालों को जवाब देना चाहिए।
अगर सनातन धर्म और हिंदुओं के हितों के लिए काम करना हैं तो नफ़रत फैलाना और नौटंकी करना छोड़कर एससी,एसटी वर्ग के साथ बस्ती में बैठकर भोजन और विश्राम कथित संत करेगें तब समझ में आयेगा की हिंदू एकता और सनातन धर्म और संस्कृति की रक्षा कैसे होगीं। लेकिन सच्चाई से कोसों दूर भागने वाले राजनैतिक दलों के एजेंडे पर नफ़रत का वातावरण बनाकर देश में हिंदू ख़तरे में हैं बोलकर देश को अस्थिर करने का प्रयास कर रहें हैं। शंकराचार्य जी के खिलाफ अपमानजनक भाषा बोल रहें हैं।ऐसे लोग हिंदू एकता के नाम पर ढोंग कर रहें है। देश हित में कार्य करने वाले प्रत्येक हिंदू सनातनी का सर्वप्रथम कर्तव्य देश में एकता और अखंडता की रक्षा करके राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के तले देश की जनता को समभाव से एकत्र करके देशभक्ति जाग्रत करना चाहिए। कटोगे तो बटोगे की बात करने वाले देश को कलंकित कर रहें हैं। देश और हिंदू सनातन धर्म को अपमानित कर रहें हैं। ऐसे कथित संत जवाब दें की प्रदेश में महाकाल मंदिर उज्जैन,ओंकारेश्वर मंदिर ओंकारेश्वर,कंदरिया महाकाल मंदिर,खजुराहो काल भैरव मंदिर उज्जैन चिंतामण गणेश मंदिर उज्जैन, पशुपतिनाथ मंदिर मंदसौर, पीताम्बरा पीठ दतिया, बगलामुखी मंदिर नलखेड़ा, मंगलनाथ मंदिर उज्जैन सहित प्रदेश के सैकड़ों मंदिर में मुख्य पुजारी एससी,एसटी, वर्ग का आज तक नियुक्त क्यों नहीं किया गया हैं।
साफ़ और स्पष्ट हैं कुछ लोग हिंदूओं को एक करने के नाम पर तीनों वर्ग का आरक्षण समाप्त करके हमेशा के लिए गुलाम बनाकर रखना चाहते हैं। सारा खेल एक षड्यंत्र के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है।एससी,एसटी और ओबीसी को अपने अधिकारों की रक्षा के लिए देश के संविधान को सुरक्षित रखना हैं।जब तक संविधान सुरक्षित हैं तब तक तीनों वर्ग सेफ़ हैं।एससी,एसटी और ओबीसी संयुक्त रूप से रहें तो ही सुरक्षित रह सकेगें वरना हिंदू एकता के नाम ठगों के बहकाने में आकर आरक्षण और पहचान समाप्त होते ही बाटेंगे और काटेंगे । शंकराचार्य को अपमानित करने वाले हिंदू एकता और सनातन धर्म और संस्कृति की व्याख्या करने का अधिकार खो चुके है।