इंदौर: मध्य प्रदेश के राजगड़ जिले के सारनपुर के पार्षद शफीक अंसारी अब रेप केस से निर्दोष साबित हो गए हैं. लेकिन अब उनके पास अपना घर नहीं है. ऐसे में अब वो अपने घर को गिराए जाने के मामले में न्याय की मांग करते हुए, कोर्ट जाने की प्लानिंग में हैं।

उनका कहना है की वह अपने ध्वस्त घर के लिए मुआवजे की मांग करेंगे. इसके लिए वो उचित मंच का दरवाजा खटखटाएंगे.सारंगपुर के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश चितेंद्र सिंह सोलंकी ने दुष्कर्म के केस में पूर्व पार्षद शफीक अंसारी को दोषमुक्त करार दिया है। साथ ही पुलिस कार्य में बाधा के केस से पूर्व पार्षद के बेटे मोहम्मद अहसान और भाई इकबाल अंसारी को भी दोषमुक्त किया है। सारंगपुर थाने की पुलिस ने मार्च 2021 में महिला की रिपोर्ट पर एफआईआर दर्ज की थी। एफअईआर के बाद पूर्व पार्षद का करीब 2 करोड़ रुपए कीमत का मकान अवैध निर्माण बताते हुए ढहाया गया था। कोर्ट ने महिला और पुलिस के बयानों से दोष सिद्ध होना नहीं पाते हुए फैसला सुनाया है।

महिला और पुलिस की ओर से यह आरोप लगाए थे सारंगपुर निवासी पूर्व पार्षद शफीक अंसारी के खिलाफ 4 मार्च 2021 को महिला ने एफआईआर दर्ज कराई थी। महिला ने पुलिस को बताया था 4 फरवरी 2021 को रात 10:30 से 10:50 बजे वह बेटे की शादी में मदद मांगने पूर्व पार्षद के पास गईं थीं, जहां पूर्व पार्षद ने दुष्कर्म किया और जान से मारने की धमकी दी थी। महिला ने पुलिस को बताया था वारदात के कुछ दिन बाद बेटे की शादी थी। इससे रिपोर्ट नहीं की। बेटे की शादी के बाद रिपोर्ट दर्ज कराई। वहीं पूर्व पार्षद के बेटे और भाई को सारंगपुर पुलिस ने शासकीय कार्य में बाधा का आरोपी बनाया था, जिसमें बताया गया कि दोनों आरोपियों ने दुष्कर्म के आरोपी पूर्व पार्षद को भागने में मदद की और शासकीय कार्य में बाधा डाली। कोर्ट ने आरोपी पूर्व पार्षद शफीक अंसारी को धारा 342, 376, 506 भाग-2 भारतीय दंड सहिता 1860 और आरोपी इकबाल, मोहम्मद अहसान को धारा 341, 353 व 212 भारतीय दंड संहिता 1860 के आरोप से दोषमुक्त करने का आदेश सुनाया है।

कोर्ट से ऐसे मिली पूर्व पार्षद और बेटे-भाई को राहत मिली है क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला में महिला से लिए गए सैंपल में मानव शुक्राणु की पुष्टि नहीं हुई। चिकित्सीय एवं वैज्ञानिक साक्ष्य से पीड़िता से लैंगिक संबंध बनाने की पुष्टि नहीं हुई। आरोपी के वकील ने कोर्ट को बताया पीड़िता के मकान को लेकर पूर्व पार्षद और मोहल्ले के लोगों ने शिकायत की थी कि मकान अतिक्रमण कर बनाया गया है। नगरपालिका ने पीड़िता का मकान तोड़ा था। इसी रंजिश से पीड़िता ने पूर्व पार्षद शफीक अंसारी पर झूठा केस दर्ज करवाया है।अब देखना होगा इस मामले में आगे क्या होता है।