प्लास्टिक ना केवल इंसानों के लिए, बल्कि जानवरों के साथ खेतों के लिए भी खतरा बना हुआ है. इससे खेतों की उवर्रा क्षमता प्रभावित होती है. ग्राम प्रधान परमेश्वर पाल भी ये बात अच्छे तरीके से समझ चुके थे. फिर उन्होंने गांव को प्लास्टिक मुक्त बनाने का संकल्प लिया. परमेश्वर पाल अपने गांव को “प्लास्टिक मुक्त गांव” बनाने के लिए प्रतिदिन एक घंटा खुद कचरा कलेक्शन वाला ई रिक्शा चलाते हैं और घरों से प्लास्टिक इकट्ठा करते हैं. गांव में 580 घर हैं, जिनकी आबादी 2676 है. प्रधान का यह प्रयास लोगों के लिए प्रेरणा बन रहा है.

रघुनाथपुर गांव के प्रधान की कहानी
यूपी के सोनभद्र अंतर्गत घोरावल ब्लॉक के रघुनाथपुर गांव आजकल चर्चा में है. वजह है ग्राम प्रधान की मेहनत और लगन. ग्राम प्रधान परमेश्वर पाल अपनी लगन और मेहनत से गांव में प्लास्टिक को कैसे रोका जाए और ग्राम पंचायत कैसे प्लास्टिक मुक्त हो सके, इसके लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए परमेश्वर पाल ई रिक्शा कूड़ा वाहन खुद ही चलाते हैं. रोजाना एक घंट गांव में चक्कर लगाते हैं.

परमेश्वर पाल प्लास्टिक ना फेंकने को लेकर ग्रामीणों से अपील करते हैं. घरों के दरवाजे पर एक बोरी टांग कर उसमें रखने की अपील करते हैं. ई रिक्शा में लगे साउंड स्पीकर को बजाकर स्वच्छता की अलख जगाते नजर आते हैं. उनके इस प्रयास की प्रशंसा गांववाले भी कर रहे हैं. ग्राम प्रधान परमेश्वर पाल ने बताया कि वे गुजरात और महाराष्ट्र के गांवों के स्मार्ट विलेज में गए थे. गांव को कैसे शिक्षित, सुंदर और स्मार्ट बनाया जा सके, इसको लेकर उनका यह दौरा काफी सफल रहा.

क्या बोले परमेश्वर पाल ?
परमेश्वर पाल कहते हैं कि पंचायती राज विभाग ने स्वच्छता अभियान फेस टू के तहत प्रधानों की बैठक बुलाई. इसमें गांव को कैसे प्लास्टिक मुक्त बनाया जाए, इसको लेकर चर्चा हुई थी. फिर मैं भी अपने गांव में आकर लोगों को जागरूक करने लगा. प्रधान ने बताया कि ई रिक्शा के माध्यम से गांव में बेकार प्लास्टिक का कलेक्शन का काम किया जाता है. स्वयं इसे आरसी सेंटर भेज देता हूं. इस काम में उन्हें कोई शर्मिंदगी नहीं होती है, बल्कि उनका यह जुनून बन गया है.