NIA की बड़ी कार्रवाई: माओवादी हमले की साजिश में दो और आरोपी नामजद

झारखंड में सुरक्षा बलों पर हमले की साजिश रचने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 2 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) पर आतंकी साजिश के तहत हथियार और गोला-बारूद जब्त करने के मामले में यह कार्रवाई की गई है. इसके साथ ही इस मामले में साल 2022 के बाद से अब तक चार्जशीट दाखिल करने वाले कुल आरोपियों की संख्या 25 हो गई है.
झारखंड निवासी रंथू उरांव और नीरज सिंह खेरवार के खिलाफ एनआईए ने चार्जशीट दाखिल की है. दोनों के खिलाफ आईपीसी, आर्म्स एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और यूए (पी) एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है. यह कार्रवाई आरसी-02/2022/एनआईए/आरएनसी मामले में की गई है. इससे पहले अगस्त 2023 से मई 2025 के बीच 23 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.
सुरक्षा बलों पर हमले की थी योजना
एक गुप्त सूचना के आधार पर, स्थानीय पुलिस और सीआरपीएफ कर्मियों ने फरवरी 2022 में झारखंड के लोहरदगा के बुलबुल वन क्षेत्र में एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया. जहां सीपीआई (माओवादी) के कार्यकर्ता अपने शीर्ष कमांडर प्रशांत बोस की गिरफ्तारी का बदला लेने के लिए बॉक्साइट खदान क्षेत्र में सुरक्षा बलों पर हमले की योजना बनाने के लिए एकत्र हुए थे. इस सभा का नेतृत्व आतंकी संगठन के क्षेत्रीय कमांडर रवींद्र गंझू ने किया था.
इसमें सक्रिय कैडर बलराम उरांव, मुनेश्वर गंझू और 45-60 अन्य कैडर भी मौजूद थे. बहाबर जंगल के रास्ते में, हरकट्टा टोली और बांग्ला पाट में सीपीआई (माओवादी) के कार्यकर्ताओं द्वारा सुरक्षा बलों पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई. इसके कारण मुठभेड़ हुई, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने इलाके की व्यापक तलाशी ली और बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद जब्त किया. झारखंड पुलिस ने मामले में शुरुआत में 9 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.
सरकार को अस्थिर करने के थे उद्देश्य
इसके बाद अगस्त 2023 से मई 2025 के बीच एनआईए ने 23 लोगों के खिलाफ पांच पूरक आरोप पत्र दाखिल किए. इनमें झारखंड पुलिस द्वारा पहले से ही आरोपित किए गए 9 आरोपी शामिल हैं, जिन पर एनआईए ने नई धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं. जांच के दौरान एनआईए ने पाया कि साजिश का उद्देश्य देश की अखंडता, सुरक्षा, संप्रभुता को खतरे में डालने और सरकार को अस्थिर करने के उद्देश्य से आतंकवादी और हिंसक कृत्य और सशस्त्र विद्रोह करना था.
एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों, जिनमें जोनल कमांडर, सब-जोनल कमांडर, एरिया कमांडर और सशस्त्र कैडरों के खिलाफ एकत्र किए गए विश्वसनीय सबूत शामिल हैं, ने अन्य सीपीआई (माओवादी) कैडरों और जमीनी समर्थकों की मिलीभगत का भी खुलासा किया है. देश में सीपीआई (माओवादी) नेटवर्क को खत्म करने के अपने प्रयासों के तहत एनआईए अन्य सह-षड्यंत्रकारियों की तलाश कर रही है.