UAE में फंसे झारखंड के 15 मजदूर: 'न खाना, न पानी, न काम' - वीडियो जारी कर मांगी मदद

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में भारत के 15 प्रवासी मजदूर फंसे गए हैं. सभी मजदूर झारखंड के हजारीबाग, गिरिडीह एवं धनबाद जिले के हैं. दुबई में फंसने वाले 15 मजदूरों में हजारीबाग के चुरामन महतो, चंद्रिका महतो, कैलाश महतो, बिशुन महतो, जगन्नाथ सिंह, लखन सिंह, सुखदेव सिंह, अर्जुन महतो, त्रिलोकी महतो, बालेश्वर महतो, वहीं गिरिडीह जिले के बैजनाथ महतो, महेंद्र महतो, सीताराम महतो और मूरत महतो के अलावा धनबाद जिले के तोपचांची अंतर्गत नेरो निवासी संजय कुमार महतो शामिल हैं.
UAE की जिस कंपनी में ये काम करते हैं, उस कंपनी ने उन्हें कई हफ्तों से वेतन नहीं दिया है. इनके पास खाने-पीने और बुनियादी सुविधाओं के लिए भी पैसे नहीं हैं. मकान मालिक ने समय से किराया न चुकाने की स्थित में इन सभी को घर से निकाल देने की धमकी दी है. दरअसल, UAE में फंसे ये मजदूर हजारीबाग, गिरिडीह और धनबाद के प्रवासी श्रमिक हैं, जो UAE के अबू धाबी के बाहरी इलाके में फंसे हुए हैं. इन्हीं में से एक मजदूर चारुमन नाम के श्रमिक ने कहा कि हैदराबाद कि एक कंपनी ने इन्हें बिजली के काम के लिए वहां भेजा था.
सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार से मदद की गुहार
दुबई में फंसे सभी मजदूरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपना विडियो बनाकर सरकार से वापसी कराने में मदद करने की गुहार लगाई है. पिछले तीन महीने से कंपनी ने उन्हें भुगतान करना बंद कर दिया है. हालात ऐसी है कि वे पाई-पाई को मोहताज हैं. श्रमिकों ने अब केंद्र और राज्य सरकारों से घर लौटने में के लिए मदद की अपील की है.
ठेकेदार नहीं दे रहा कॉल और मैसेज का जवाब
श्रमिकों ने बताया कि साल 2024 में वे अबू धाबी आए. वे लोग कजाकिस्तान, मलेशिया और सऊदी अरब में कार्य कर चुके हैं. इन्हीं में से एक मजदूर चारुमन ने कहा कि ठेकेदार ने दो साल पहले हमें काम पर रखते समय बताया था कि कंपनी 10 साल से अधिक समय से वहां काम कर रही है और भरोसेमंद है. ठेकेदार ने हमें हर महीने लगभग 1,700 दिरहम (लगभग 40,000 रुपए) देने का वादा किया था, लेकिन पिछले तीन महीनों हमें वेतन नहीं मिला है. कंपनी के ठेकेदार तिरुपति रेड्डी और कंपनी के सुपरवाइजर को कॉल और मैसेज करने पर कोई जवाब नहीं मिल रहा है.
ठेकेदार ने 8 लोगों में बांटने को दिए 600 रुपए
उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा किराया और बिजली बिलों का भुगतान न किए जाने के कारण उनके मकान मालिक ने उनका पानी का कनेक्शन काट दिया है. साथ ही उनके दो कमरों वाले मकान से उन्हें बाहर निकलने की धमकी दी है. 28 वर्षीय अर्जुन महतो ने कहा कि यह एकमात्र काम है, जिसे हम जानते हैं, लेकिन पिछले तीन महीने बेहद मुश्किल भरे रहे हैं. कभी-कभी, ठेकेदार हमें आठ लोगों के बीच बांटने के लिए 600 रुपए देता था. एक अन्य श्रमिक 40 वर्षीय बिष्णु महतो ने कहा यहां की गर्मी असहनीय है. हम बहुत ज्यादा परेशानियों का सामना कर रहे हैं.
परेशानी के बावजूद विदेश में काम करने को तैयार श्रमिक
इतनी परेशानी सह रहे मजदूर से जब यह पूछा गया कि क्या वह आगे से विदेश में काम की तलाश करेंगे तो चौंकाने वाला जवाब आया. चारुमान ने कहा कि विदेशी कंपनियां आमतौर पर अच्छा भुगतान करती हैं, जिससे हमें बचत करने और घर पैसे भेजने में मदद मिलती है. यही वजह है कि हम आगे भी विदेशों में काम की तलाश करेंगे.