चंडीगढ़(पंजाब)। पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के चाैथे दिन आज सदन में पवित्र ग्रंथों के खिलाफ अपराध रोकथाम विधेयक-2025 पर बहस हो रही है। 

पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र शुरू होने के समय आम आदमी पार्टी के निलंबित पूर्व विधायक अमरजीत सिंह संदोआ अपने समर्थकों के साथ परिसर के बाहर प्रदर्शन करने लगे। पूर्व विधायक अमरजीत सिंह संदोआ को हाल ही में पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में निलंबित कर दिया था। उन्होंने खुलकर पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आज उन्होंने आप के रोपड़ से विधायक दिनेश चड्ढा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
करीब एक दर्जन युवक, जिनमें से अधिकतर संदोआ समर्थक बताए जा रहे हैं, दिनेश चड्ढा मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए विधानसभा के बाहर पहुंच गए। सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत हालात संभाले और प्रदर्शनकारियों को विधानसभा परिसर से बाहर निकाला।

सोमवार को कैबिनेट की मंजूरी के बाद मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने विधेयक को पंजाब विधानसभा में पेश किया था। इसके बाद स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने आप पंजाब प्रधान अमन अरोड़ा, नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, पंजाब भाजपा कार्यकारी अध्यक्ष अश्वनी कुमार शर्मा व अन्य राजनीतिक दलों के नुमाइंदों के साथ विधेयक पर अलग से चर्चा की थी। नेता प्रतिपक्ष बाजवा ने सदन में बेअदबी कानून विधेयक पर चर्चा के लिए समय दिए जाने की मांग की थी। जिसे स्पीकर ने स्वीकार कर लिया था। सरकार ने विधेयक में बेअदबी के दोषी को आजीवन कारावास का प्रावधान किया है। दोषी को पैरोल भी नहीं मिलेगी। इस विधेयक के अनुसार श्री गुरु ग्रंथ साहिब, भगवद गीता, बाइबल, कुरान शरीफ समेत अन्य ग्रंथों की बेअदबी के आरोपियों पर केस का ट्रायल चलाने के लिए राज्य में विशेष अदालतें गठित की जाएंगी। इन विशेष अदालतों में केवल बेअदबी से जुड़े मामलों को फास्ट ट्रैक की तर्ज पर संचालित किया जाएगा।

सीएम मान ने मीडिया से कहा कि प्रस्तावित कानून के तहत बेअदबी के दोषी को 10 साल से आजीवन कारावास तक की सजा का सामना करना पड़ सकता है। बेअदबी की कोशिश करने वालों को तीन से पांच साल तक की कैद का प्रावधान है। अपराध के लिए उकसाने वालों को अपराध के अनुसार सजा मिलेगी। मान ने कहा कि नए कानून से जघन्य अपराध के दोषियों के लिए कठोर सजा सुनिश्चित करके समाज विरोधी और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को रोकने में और ताकत मिलेगी।