पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने बुधवार को अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को ड्रग से जुड़े मामले में गिरफ्तार कर लिया. ब्यूरो ने राज्य में 25 जगहों पर छापेमारी की, जिसके बाद मजीठिया को हिरासत में लिया गया, लेकिन बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इससे पहले ब्यूरो ने अमृतसर में मजीठिया के घर समेत 25 जगहों पर छापेमारी की थी.विजिलेंस की कार्रवाई के बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. उसके अनुसार 500 करोड़ रुपये से अधिक के लेन-देन की बात कही जा रही है. बिक्रम सिंह मजीठिया द्वारा 2007 से 2009 के बीच 161 करोड़ रुपये के नकद लेन-देन के दस्तावेज मिले हैं. इस दौरान विदेशी फर्जी कंपनियों से 141 करोड़ रुपये की आय का खुलासा हुआ है और 194 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदी गई है. विजिलेंस को आय का कोई वैध स्रोत नहीं मिला है.

मजीठिया ने कही ये बात, अकाली दल ने निंदा की
मजीठिया ने मीडिया से बातचीत में कहा, अगर एफआईआर दर्ज करनी थी तो नोटिस भेजा जा सकता था, यह सब बदले की भावना से किया जा रहा है. मैं कहीं नहीं भाग रहा, पूरी तरह सहयोग को तैयार हूं. उन्होंने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधते हुए कहा, चाहे जितनी भी एफआईआर कर लो, मैं डरने वाला नहीं हूं। न ही आप मेरी आवाज दबा सकते हैं. शिअद ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार देते हुए राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला. शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल, उनकी पत्नी व पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने विजिलेंस की कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे ध्यान भटकाने की कोशिश बताया.

ड्रग्स से जुड़े मामले में जमानत पर थे मजीठिया
हरसिमरत कौर ने कहा, यह स्पष्ट रूप से बदले की राजनीति है. हमारे खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लोगों को डराने की कोशिश की जा रही है, लेकिन लोग मजीठिया के साथ खड़े हैं और रहेंगे. शिअद प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने कहा, पंजाब सरकार के पास अपने भ्रष्टाचार का कोई जवाब नहीं है. ड्रग केस में मजीठिया को फंसाया गया, लेकिन वह मामला भी झूठा निकला. आज की कार्रवाई इंदिरा गांधी के आपातकाल की याद दिलाती है. केजरीवाल उसी रास्ते पर चल रहे हैं. मजीठिया के खिलाफ इससे पहले भी 2021 में ड्रग्स से जुड़े एक केस में जांच चल रही थी, जिसमें उन्हें कुछ समय के लिए जेल भी जाना पड़ा था. हालांकि, बाद में वे बेल पर रिहा कर दिए गए थे.