छत्तीसगढ़ के रायपुर केंद्र और राज्य सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री आवास योजना है। इस योजना के तहत निकायों को मिली राशि को इधर-उधर करने का मामला आया सामने है। प्रशासन इसे गंभीरता से लेते हुए संबंधित निकायों के अधिकारियों को अब नोटिस जारी कर जवाब तलब करने वाला है। इस मामले की शिकायतें निकायों के हितग्राहियों और वहां के जनप्रतिनिधियों ने शासन के पास की हैं।

बिना किस्त के मकान पूरा करने की ज़िद

जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री आवास योजना मोर जमीन मोर मकान यानी बीएलएसी घटक के लिए सूडा ने निकायों को राशि जारी की थी। जिसे निकायों के अधिकारियों ने अपने स्तर पर निकायों में प्रधानमंत्री आवास योजना एएचपी घटक के तहत बनाने वाले मकानों में लगा दिया।

अब बीएलएसी घटक के हितग्राहियों को समय पर राशि नहीं मिल रही है। नतीजा, बीएलसी घटक के हितग्राही अपने सपनों का आशियाने का निर्माण पूरा नहीं कर पा रहे हैं। राशि के लिए निकायों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन निकाय के अधिकारी राशि नहीं होने का बहाना बना रहे हैं।

अपनी गलती छुपाने में लगे हैं अफसर

जानकारी के अनुसार, जब इसकी जानकारी निकायों आला अधिकारियों को लगी तो संबंधित अधिकारियों को जमकर फटकार भी लगाई गई। साथ ही कारण बताओ नोटिस भी जारी किया, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने ऊपर से आदेश होने की बात कहकर पल्ला झाड़ने में लगे हुए हैं। बताया जाता है कि निकायों के अधिकारी हितग्राहियों पर दबाव बना रहे हैं, जो राशि मिल चुकी है, उतने का काम तो पहले पूरा करो, बाकी की किस्त जब आएगी तब आवंटित की जाएगी।

बताया जाता है कि सूडा को पत्र लिखकर निकायों ने एएचपी के मकानों के निर्माण को शीघ्र पूरा करने के लिए बीएलसी घटक की राशि एएचपी घटक में लगाई है। इसलिए अब बीएलएसी के हितग्राहियों को राशि देनी है, इसलिए एएचपी की निकाय को आवंटित की जाए, ताकि बीएलएसी के हितग्राहियों को किस्त जारी की जा सके।

अब सूडा स्तर पर हो रहा भुगतान

जानकारी के अनुसार, उक्त मामले सामने आने के बाद अब सूडा पिछले एक माह से हितग्राहियों को खाते में डायरेक्टर ट्रांसफर कर रहा है। क्योंकि पहले सूडा निकायों को दोनों घटक की राशि देता था। इसके बाद निकाय अपनी सुविधा अनुसार राशि को खर्च करता था।