प्रशांत किशोर की पार्टी के प्रदर्शन के दौरान पुलिस से भिड़ंत, कार्यकर्ताओं ने लगाया लाठीचार्ज का आरोप
Bihar Elections: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान जहां सदन के अंदर विपक्ष सरकार को घेरने में जुटा है, वहीं बाहर जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत विधानसभा घेराव का ऐलान कर प्रदर्शन किया। इस दौरान जन सुराज कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की और झड़प की स्थिति बन गई।
पुलिस और जन सुराज कार्यकर्ताओं में झड़प, लाठीचार्ज का आरोप
प्रदर्शन के दौरान जैसे ही जन सुराज के सैकड़ों समर्थक चितकोहरा गोलंबर के पास पहुंचे, पुलिस ने बैरिकेडिंग कर उन्हें रोकने की कोशिश की। इस दौरान दोनों ओर से धक्का-मुक्की हुई। जन सुराज का आरोप है कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें कई कार्यकर्ता घायल हो गए। हालांकि, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे और यातायात बाधित न हो।
ये जंग की शुरुआत है, इनका जीना हराम कर देंगे – प्रशांत किशोर
घटना के बाद जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा, अभी तो जंग की शुरुआत है। इनका जीना हराम कर देंगे। अभी तीन महीने बाकी हैं। बिहार की जनता बदलाव चाहती है और इन भ्रष्टाचारियों को सत्ता से हटाना चाहती है। ये लोग सदन और पुलिस के पीछे छिपकर नहीं बच सकते।
उन्होंने कहा कि पुलिस सरकार के इशारे पर काम कर रही है। पुलिस का क्या है? ऊपर से जैसा आदेश मिलता है, वैसा करती है। हम लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस ने रोक दिया है तो रुके हुए हैं, जब मन होगा, उठकर चल देंगे।
तीन प्रमुख मुद्दों पर घेराव, एक करोड़ हस्ताक्षर जुटाने का अभियान
जन सुराज पार्टी ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि यह प्रदर्शन तीन प्रमुख मुद्दों को लेकर किया जा रहा है:
— गरीब परिवारों को दो लाख रुपये रोजगार सहायता राशि नहीं मिलना।
— दलित भूमिहीन परिवारों को तीन डिसमिल जमीन का वितरण न होना।
— भूमि सर्वेक्षण में व्यापक भ्रष्टाचार।
प्रशांत किशोर ने पहले ही ऐलान किया था कि इन तीन मुद्दों को लेकर एक करोड़ लोगों के हस्ताक्षर इकट्ठा कर मानसून सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव किया जाएगा। इसी योजना के तहत पटना में बड़ी संख्या में समर्थक जुटे, जिससे प्रशासन की चिंता बढ़ गई।
पटना पुलिस और प्रशासन अलर्ट पर
इस प्रदर्शन को लेकर पटना पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे। जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाई गई और पुलिस बल तैनात किया गया ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। वहीं, जन सुराज कार्यकर्ताओं ने भी जमकर नारेबाजी की और सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की। प्रदर्शन के कारण कई मार्गों पर यातायात प्रभावित हुआ, जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।