हल्ला-गुल्ला के समापन कार्यक्रम की रिपोर्ट

इंदौर। उत्कृष्ट विद्यालय, बाल विनय मंदिर में बाल कलाकारों की दो नाट्य प्रस्तुतियों 'समाधान और रोबो टीचर,माय फ्रेंड' के साथ ही 'हल्ला-गुल्ला' नाट्य शिविर का समापन हुआ। नाट्य प्रस्तुतियों में 35 बच्चों ने हिस्सा लिया। शुभारंभ एडीएसपी (क्राइम) राजेश दंडोतिया, लेखक और निर्देशक संदीप श्रोत्रिय ने किया। कार्यक्रम में बतौर अतिथि स्टेट प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल और मालवी भाभी के नाम से ख्यात, प्रतीक्षा जैन नैयर भी मौजूद रहीं। आयोजन में शहर के कई प्रमुख रंगकर्मी और कलाकार भी शामिल हुए। स्वागत सर्वश्री तपन मुखर्जी, सुशील जौहरी, शेखर पाठक, राकेश साहू, शकील अख़्तर, परशुराम तिवारी, सीमा व्यास, मंजू शर्मा आदि ने किया।
समझें ख़रगोश और कछुए की कहानी
श्री संदीप श्रोत्रिय ने अपने सम्बोधन में खरगोश और कछुए के साथ ही राजा विक्रमादित्य की कहानियां सुनाईं। उन्होंने कहा, हमें इन कहानियों की जागरूक दृष्टि से समझने की ज़रूरत है, ताकि हम एक बेहतर और सुविचारित समाज की कल्पना कर सकें। श्री प्रवीण कुमार खारीवाल ने स्व.आशा कोटिया के योगदान को याद किया और उन्होंने 'हल्ला-गुल्ला' के आयोजन के माध्यम से बच्चों के रंगकर्म प्रशिक्षण की सराहना की। श्रीमती प्रतीक्षा जैन नैयर ने बच्चों से कहा, हम अपनी कला, परंपरा और संस्कृति को महत्व देकर, इसे आगे बढ़ाने का काम करें। नशे से दूर रहे और नारी का अपमान या छेड़छाड़ जैसी बुरी प्रवृतियों को दूर करने में मदद करें।
हल्ला-गुल्ला के शुरूआती दिन
आयोजन समिति के निदेशक तपन मुखर्जी ने कहा,वर्षों पहले मेरे बच्चे 'हल्ला गुल्ला' से जुड़े रहे। बाद में मैं आशा कोटिया जी से जुड़ा और फिर इस कार्यक्रम का हिस्सा बना। आशा जी के साथ कैलाशचंद्र कोटिया और डॉ.सनत कुमार के निधन के बाद यह आयोजन बंद हो गया था। परंतु बीते वर्ष डॉ.परशुराम तिवारी ने जब इसे फिर शुरू करने की बात कही, तब शकील अख़्तर और सीमा व्यास जी के सहयोग से हमने यह आयोजन पुनर्जीवित किया।
एआई पर नाटक का आइडिया
तपन दा ने कहा, इस साल जब लेखक और पत्रकार शकील जी ने 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एजुकेशन' पर नाटक लिखने के बारे में चर्चा की तो मुझे उनका यह आइडिया बहुत अच्छा लगा। यह आज का एक ज़रूरी विषय है। इस तरह बच्चों के लिये 'रोबो टीचर' नाटक तैयार हुआ। संगीत भी उन्होंने तैयार किया। इसी तरह नाटक 'समाधान' को मैंने भगवत गीता के श्लोकों को आधार बनाकर लिखा है। मैं चाहता था कि दर्शन और विचार पर भी कोई नाटक हो।
युवा रंगकर्मी वरूण जोशी की प्रशंसा
नाट्य लेखक और शिविर के क्रियेटिव डायरेक्टर शकील अख़्तर ने 'रोबो टीचर' के निर्देशक वरूण जोशी के रंगकर्म की चर्चा की। उन्होंने कहा कि वरूण एक ऐसे युवा कलाकार हैं जो लगातार स्कूली बच्चों के लिये अलग तरह से काम कर रहे हैं। वे हमारे शहर की एक नई आशा हैं। उनके काम की प्रशंसा की जाना चाहिये। कार्यक्रम में समन्वयक रवि वर्मा ने कहा, बच्चों ने दो हप्ते से भी कम समय में नाटक में अभिनय, गीत और दृश्य रचनाओं का काम सीखा और प्रस्तुत किया है। इनमें से ज़्यादातर ऐसे कलाकार भी हैं जिन्होंने पहली बार ही मंच पर कदम रखा है।
सभी बच्चों को मिले सर्टिफिकेट
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये गये। इनमें शहर के वरिष्ठ कलाकारों के साथ ही प्रतीक्षा जैन नैयर ने भी सर्टिफिकेट प्रदान किये। इसके अलावा दो विशेष पुरस्कार सुशील जौहरी और शैलेंद्र शर्मा (काका) की ओर से राकेश साहू और शेखर पाठक ने विजेता बच्चों को भेंट किये। कार्यक्रम का संचालन शिविर के समन्वयक रवि वर्मा ने किया। उन्होंने समापन के कार्यक्रम समन्वयन में सीमा व्यास और शिल्पा सिंघल की सराहना की। बाल विनय मंदिर की ओर से 'हल्ला-गुल्ला' टीम के रंग प्रशिक्षकों के प्रति मंजू शर्मा आभार ने जताया। प्रतिभागी बच्चों ने सभी का फूल और उपहार भेंट कर अपना सम्मान प्रकट किया। अंत में आयोजन समिति की तरफ़ से आभार डॉ.परशुराम तिवारी ने माना। उन्होंने बाल विनय मंदिर की प्राचार्य शपूजा सक्सेना के सहयोगी प्रशंसा की।