इंदौर: 133 में से 111 आवेदन 83%निराकृत ।
22 आवेदन साप्ताहिक सुनवाई में । 

26% न्यायिक व 74% गैर न्यायिक आवेदन  ।

133 में से 79 दाम्पत्य, 19 आर्थिक, 16 सम्पत्ति, 11 सामाजिक, 4 पारिवारिक, 4 निरस्त आवेदन रहे ।

अधिकतम 12 साप्ताहिक सुनवाई में आवेदन  निराकृत । प्रतिदिन 5 से 7 आवेदनों पर सुनवाई। 

सप्ताह में सोमवार से शुक्रवार 5 दिन अलग-अलग पेनल द्वारा सुनवाई । 

सुनवाई  में महिला, वकिल, पंच,सामाजिक, विशेष सम्मलित ।

निशुल्क सेवा, पर अनुशासन बनाए रखने के लिए 500 रु अनुपस्थित व लेट आने पर 200 रु अर्थ दण्ड व्यव्स्था ।


      सिन्धी समाज कि संस्था सिन्धू मुंहिंज जीजल द्वारा संचालित सिन्धी पंच मध्यस्थता व विधी परामर्श केंद्र विगत 200 दिन से संचालित हो रही है । प्रतिदिन  सोमवार से शुक्रवार सुनवाई शाम 5 से 8 चलती है । इस व्यवस्था में महिला, वकिल, पंच, सामाजिक,  व विशेष 5 सदस्यी टीम निशुल्क सेवाऐ दे रहीं है । पंचायत केंद्र लोहा मण्डी देव श्री (टाकीज) काम्प्लेक्स के 2000 वर्ग फीट के वर्मा परिसर में चलती है ।

समाधान विधी आधार:

आवेदको कि सामाजिक, आर्थिक,  पारपरिक, व्यवाहारिक अध्ययन के साथ । मध्यस्थता अधिनियम 2023 व मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देशो के अंतर्गत निराकृत कि जा रहीं है । आवश्यकता अनुसार न्यायालयीन  डिक्री पारित कराई जा रही है ।

पुलिस समाज भागिदारी पहल

26% न्यायिक व 74% गैर न्यायालयीन आवेदन निराकरण अध्ययन आधारित पुलिस उपायुक्त से मुलाकात कर पुलिस व समाज संयुक्त प्रयास पर कार्ययोजना तैयारी चल रहीं है ।

उभय पक्ष का आमना समना नहीं ।

उभय पक्ष के साथ अलग-अलग समझाईश आधारित  समझोत विन्दु निर्धारित होने के उपरांत सभी परिवार जनों कि उपस्थित में समझोता लेख तैयार किए जा रहें है ।

जिस बिन्दु पर असहमति, न्याय शरण रिपोर्ट। 

आवेदन विवाद बिन्दुओ पर सामान्यत: सहमति के उपरांत भी किसी बिन्दु पर किसी पक्ष कि असहमति कि स्थिति में न्याय शरण रिपोर्ट तैयार कि जाती है । ताकि न्यायालयीन भार कम हो । साथ हि उभय पक्ष को जल्द न्याय मिले ।